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Tuesday, March 16, 2010

आरक्षण दे दो.........

"जब भी आप आरक्षित होते हो तो ये भी समझ लो की दुनिया ने आप को एक सबक सीखने से वंचित कर दिया है ...अगर आप में वो सामर्थ्य है जो आप को विशेष बनता है तो फिर आरक्षण क्यों ? अगर एक के पैर में जंजीर बांध कर उसे आरक्षित रेस में दौड़ाया जाये तो प्रतिस्पर्धा कहाँ बची साहब फिनिशिंग लाइन के पहले ही उसे रोकने का जब पूरा प्रबंध करके आप रेस करा रहे हैं तो फिक्स मैच हुआ न .....अगर आप में हिम्मत है, जीतने का जज्बा है तो फिर खुले मैदान में आने से क्यों घबराते हो आप ? आज के इस प्रतिस्पर्धी समाज में जीने के लिए लड़ना जरूरी हो चला है पर यहाँ तो जरूरतों को ही आरक्षित किया जा रहा है" इस तरह न समाज की उन्नति होगी न ही यहाँ के लोगों की






अंत में बस इतना ही कहना है आरक्षण दे दो मेरे ब्लॉग को 

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