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Monday, September 26, 2011

समंदर बसा था

जितना तुमको बताना था चुप रहकर बता ले गए तुम



इन आँखों में समंदर बसा था और फिर इक-इक बूँद चुरा ले गए तुम


कितने ख़ूबसूरत थे तुम,हो तुम रहोगे भी पर वो ख़ूबसूरती छिपा ले गए तुम


आओगे कभी-नहीं आओगे,पता नहीं,अपने आने की वो आहट भी क्यूँ दबा ले गए तुम ..........उमेश सिंह