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Wednesday, December 5, 2012

SAMBHAWAMI SARVATHA SARV

तुक्केदार तीर पर गर अर्जुन करता विश्वास
भेद न पाता आँख वो न जीत की होती आस
गुरु भी लज्जित होते उसके न होती परीक्षा पास
करलो तुम भी अपने मन में अटल लक्ष्य का वास
निशान गर धुंधला जाये फिर करलो तरकश साफ़
जीतोगे हरपल तुम ही बन अर्जुन हर जीत भी होगी खाश____उमेश सिंह