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Tuesday, December 29, 2015

भारत के हर सैनिक महादेव है


वो बटुए में परिवार से मुलाकात करे
थोड़ा सा हंस दे और फिर सवालात करे

पूछे की माँ कैसी है तू खुश रहना की जैसी है तू
दिया तूने मुझको वतन के लिए कोई पूछे बताना की ऐसी है तू 

फिर नजर से वो बचपन को है देखता
उसका बच्चा उसी की तरह रेंगता

छूता उसको के सच में उसे चूम ले ]
लेके बाँहों में उसको जहां झूम ले

देखके बहना को वो हंसा जोर से
लड़ती मुझसे जो होती यहां भोर से

अपनी पत्नी से आँखें चुरा के वो बोला
आऊंगा मिलने तुझसे ले हार सौ तोला

उसी बगल में पिताजी खड़े लगे ऐसे जैसे की पर्वत बड़े
बिन कहे कुछ वो बोले, न लौटे दुश्मन जो तेरी नजर में चढ़े

भाई के भी पिता से ही जज्बात थे
पिछली हर बातों में देश सेवा के ही बात थे

सोचके बातें उनकी वो कठोर हो गया
देश पहले है सबसे वो भावा विभोर हो गया

बंद करके बटुए को वो खड़ा हो गया
कुछ इस तरह खुदा से बड़ा हो गया

थामा बन्दूक उसने बाजुओं की जोर से
बाँधी सांसें फिर अपनी वतन की डोर से

दिल को रोका न उसने धड़कने दिया
यूँ लहू को नसों में फड़कने दिया

आँखें उसकी बड़ी रक्तलाल हो गयीं
दुश्मनों के लिए महाकाल हो गयीं

थर्राया हिमालय उसकी ललकार से
हुए महादेव भी चकित इस हुंकार से

बोले के सती ये तो संहार है
ये तो भारत के सैनिक की ललकार है

खैर उनकी न है जो वहां बैर हैं
उस धरा पे हर सैनिक महादेव है

इतने में दुश्मनों के वो बीच आ गया
सौ भेड़ियों पर अकेला वो शेर छा गया

हर हर महादेव की ध्वनि थी जाग उठी
एक-एक की रूह उनका साथ छोड़ भाग उठी

फिर किसी ने पीठ में चुपके से घात किया
गिरते ही वो उठ खड़ा हो उठते ही आघात किया

मृत्यु दान सबको कर वो तिरंगे को फहरा उठा
धुंधली तस्वीर आते देख वो शस्त्र फिर लहरा उठा

देखकर के अपने सैनिक वो सकूँ में खो गया
मातृभूमि की सेवा को वो माँ के गोद में सो गया

उमेश सिंह


नए वर्ष पर सभी सैनिकों को समर्पित एवं सभी शहीदों को श्रद्धांजलि

Monday, December 21, 2015

स्वच्छ भारत अभियान

श्रीमान
प्रधानमंत्री महोदय
नरेंद्र मोदी जी

विषय - स्वच्छ भारत अभियान

महोदय,
आपकी इक्षाशक्ति नेक विचार और स्वछता के प्रति आपकी पवित्र भावना से प्रेरित हो आपके विचारों को शब्दों के माध्यम से संचारित करने की मंशा और निर्देश का इंतज़ार करूँगा।
मैं इस बात से पूर्णतः आशवस्त हूँ की जो सन्देश आप तक पहुँचाना चाहता हूँ उसका महत्व आपके निर्देश से परिलक्षित एवं परिणाम फलीभूत होगा।
संचार के बाढ़ में लोग हर वक़्त नए समाचार के खोज में अर्थ की बातें याद रखने में असमर्थ होते जा रहे हैं। आपके लाख बार स्वच्छ देश की कल्पना को आघात लगाने में एक पल का भी संकोच नहीं करते अतएव मैं आपसे प्राथना करता हूँ की इस दिशा में मौखिक सहयोग की अपेक्षा के अलावा लिखित निर्देशों को भी सम्मिलित करें। लिखित निर्देशों से मेरा तात्पर्य विभागीय निर्देशों से न होकर प्रचार वाक्यों के उपयोग से है। हमने आपने सम्भवतः सबने गाड़ियों के पीछे लिखे हुए शब्द और शायरियां पढ़ी हुई हैं दीवारों पर विभिन्न प्रकार के वाक्य पढ़ते आ रहे हैं तो क्युं न हम भी इस तरह के प्रचार का उपयोग स्वच्छ भारत अभियान के लिए करें। बोले हुए शब्द भुलाये जा सकते हैं सैकड़ों बार सुने हुए शब्द भी भूले जा सकते हैं पर लिखे हुए शब्द अगर प्रभावशाली हों तो आत्मा में उतरते हैं जगह बनाते हैं और उस काम को करने को प्रेरित करते हैं।
मैं इस बात में पूर्ण विश्वास करता हूँ की खुले में लघु शंका, कूड़े फेंकने की समस्या पान खाके थूकने की आदत पर लगभग लोग दस बार विचार करेंगे।
इसी सन्दर्भ में मैं यहां पर दीवारों पर लिखने हेतु कुछ प्रचार वाक्य जो इस अभियान में काम आ सकते हैं लिख रहा हूँ उम्मीद है मेरी बात इस अभियान में कुछ सहयोग कर पायेगी।
१- सौ कदम आगे शौचालय है
२- देश आपका स्वच्छ होगा आपके ही साथ से
पूरा होगा सपना गंदगी नहीं होगी जो आपके हाथ से
३- कैसे तुम भारत को स्वच्छ बनाओगे
बिन सोचे यहाँ वहाँ जो गंदगी फैलाओगे
४- थोड़ा कष्ट तुम भी देश के लिए उठाओ
कूड़े को सड़क नहीं कूड़ेदान  पहुँचाओ
५- सीसीटीवी देखो लगा है तुम्हारे सामने
ढूंढ लेंगे छुपे हो चाहे जिस जहान में


धन्यवाद
उमेश कुमार सिंह
ग्राम व् पोस्ट अशोकपुर
नवाबगंज गोंडा
उत्तर प्रदेश
२७१३०३ 

Sunday, December 20, 2015

लेखनी



आज मेरी लेखनी जवाब दे गयी
दर्द मेरी रूह को बेहिसाब दे गयी
क्या प्रकीर्ति स्तब्ध है क्यों धरा न डोल उठी ?
क्या यही पुरुषत्व है खामोश माँ ये बोल उठी ?
है भाव की कमी हूँ शब्द को तड़प रहा
हे विधाता देख मेरा ह्रदय न धड़क रहा
बूँद बूँद धरा की सब आग बन बरस पड़े
जलादे मानवता और वो खाक को तरस पड़े
श्वास को अकाल हो ऐसा तुम्हारा हाल हो
मृत्यु न वरण करे हर पल तुम्हारा साल हो
घटक तुम्हे सड़ा के हर तरह से दुत्कार दें
मृत्यु मांगो मृत्यु जियो ऐसा तुम्हे उपहार दें