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Tuesday, November 8, 2011

MY LINES :)

ऐ ख़ुदा शिकायत है तुमसे मेरे लिए प्यार क्यूँ बनाया,क्या यही खुदाई है तुम्हारी मेरे दिल को प्यार हुआ पर 


उनके दिल में प्यार नहीं जगाया 

आओ तुम भी जमीं पर प्यार हो तुमको भी,दिल टूटे-तुम्हारा भी-रब रूठे, पूछुंगा क्यूँ दर्द हुआ अब तुमको 


तुम्हारे प्यार ने जब सताया

कितने बेरहम हो तुम और क्या प्यार करते हो हमसे,उनसे मिलाकर उम्मीदें दिल में जगाकर भी उनको हमारे 


लिए नहीं बनाया 

ऐ ख़ुदा शिकायत है तुमसे प्यार क्यूँ बनाया-प्यार क्यूँ बनाया, अब क्या मांगने आऊं तुम्हारे दरपे जितना दिया


है तुमने मैंने सब गंवाया_____उमेश सिंह