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Monday, November 9, 2009

राज का राज......... हिन्दी राज

जो हिन्दी लिखना पढ़ना जानते हो वो कृपया कल तक अपनी सीट उत्तर प्रदेश के लिए बुक करा लें /
राज ठाकरे जी माफ़ी चाहता हूँ वो इसलिए की मैं हिन्दी बोलना भी जानता हूँ और आपसे ये जानना चाहता हूँ की आप हिन्दुस्तानी पैदा हुए थे मराठी या फ़िर आप को अपनी मात्रभूमि पर संदेह है /
गद्दार लोगों को भारत से निकल कर बड़ी गलती हुई कम से कम वो होते तो भारत में एक ही भाषा होती /
खैर मैं इस बारे में बात करने को नही लिख रहा हूँ मैं ये जानना चाह रहा हूँ या फ़िर कोशिश कर रहा हूँ की भारत देश कितना सहनशील हो गया है माफ़ करिए उत्तर वासियों का देश , दक्षिण का देश ,पश्चिम का हह.....
या फ़िर हम सब भारत वासियों का देश क्या लिखा जाए मुझे सरकार के ढीले रवैये से संदेह होने लगा है /

आज जिस तरह से हिन्दी भाषा पर जूता चला है वो दिन दूर कहाँ रह जाएगा जब बाहर के लोग आकर जूता चला जायेंगे /
theek से याद नही आ रहा है की राज ठकरे जैसे देश द्रोहिओं को कोई सज़ा देने में इतनी ढिलाई क्यों हो रही है जिन लोगों को अज ४ सालके लिए baahar किया गया है उन्हें क्यों नही जीवन भर के लिए किसी भी संवैधानिक प्रक्रिया में भाग लेने se mana कर देना चाहिए /......................................

आगे...