जितना तुमको बताना था चुप रहकर बता ले गए तुम
इन आँखों में समंदर बसा था और फिर इक-इक बूँद चुरा ले गए तुम
कितने ख़ूबसूरत थे तुम,हो तुम रहोगे भी पर वो ख़ूबसूरती छिपा ले गए तुम
आओगे कभी-नहीं आओगे,पता नहीं,अपने आने की वो आहट भी क्यूँ दबा ले गए तुम ..........उमेश सिंह
इन आँखों में समंदर बसा था और फिर इक-इक बूँद चुरा ले गए तुम
कितने ख़ूबसूरत थे तुम,हो तुम रहोगे भी पर वो ख़ूबसूरती छिपा ले गए तुम
आओगे कभी-नहीं आओगे,पता नहीं,अपने आने की वो आहट भी क्यूँ दबा ले गए तुम ..........उमेश सिंह
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